अमानतुल्लाह खान के घर पहुंचे AAP नेता, कहा- जब पैसों का लेन-देन नहीं हुआ तो फिर ईडी क्यों आई?…

AAP विधायक अमानतुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार रात पार्टी के प्रमुख नेता उनके परिवार से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। इस दौरान केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ…

AAP विधायक अमानतुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार रात पार्टी के प्रमुख नेता उनके परिवार से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे।

इस दौरान केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी खान के घर पहुंचे।

मुलाकात के बाद आतिशी ने कहा- भले ही केंद्र सरकार AAP के हर मंत्री, विधायक, नेता और कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लें, लेकिन दिल्ली के लोग फिर भी अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें ही वोट देंगे। वहीं सौरभ भारद्वाज ने कहा- जब इस मामले में पैसों का कोई लेनदेन ही नहीं हुआ है तो फिर ईडी कैसे आ गई, यह एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘देखिए ऐसी खबर आ रही है कि आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह को गिरफ्तार किया गया है।

ये बिल्कुल फर्जी मामला है। ईडी के पास कोई सबूत नहीं है, ईडी के पास कोई कागजात नहीं है, ईडी के पास कोई प्रोसिड्स ऑफ क्राइम नहीं है, ये सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है, जिस राजनीतिक साजिश के तहत सत्येंद्र जैन जी को गिरफ्तार किया गया, मनीष सिसोदिया जी को गिरफ्तार किया गया, संजय सिंह जी को गिरफ्तार किया गया, अरविंद केजरीवाल जी को गिरफ्तार किया गया और अब अमानतुल्लाह खान जी को भी गिरफ्तार किया गया है।’

आतिशी बोलीं- जनता वोट केजरीवाल को ही देगी

आगे आतिशी ने कहा, ‘मैं भारतीय जनता पार्टी को और उनके मुखिया और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को ये बताना चाहती हूं कि वो आम आदमी पार्टी के हर मंत्री को, हर विधायक को, हर नेता को और हर कार्यकर्ता को भी जेल में डाल देंगे फिर भी दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े रहेंगे, दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल को ही वोट देंगे, दिल्ली के लोग आम आदमी पार्टी को ही वोट देंगे।’

सौरभ बोले- ईडी आई, ताकि बिना सबूत जेल में रखा जा सके

सौरभ भारद्वाज ने खान के घर से निकलकर कहा, ‘यह मामला CBI के पास 2016 से चल रहा है कि वक्फ बोर्ड में कुछ भर्तियां हुई हैं, जो एक प्रक्रिया के तहत की गई हैं। जब भर्ती प्रक्रिया में पैसे का लेन-देन नहीं हुआ है, तो इस मामले में ED का शामिल होना गंभीर सवाल खड़े करता है।

ED तब आती है जब मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) हुई हो या पैसे का लेन देन हुआ हो। ईडी को इसलिए शामिल किया गया है ताकि वे बिना किसी सबूत या गवाह के लगातार महीनों तक अमानतुल्लाह को जेल में रख सकें, उन्हें प्रचार से रोका जा सके और सरकार गिराई जा सके।’

संजय बोले- AAP सरकार गिराने की कोशिश हो रही

खान के घर से निकलते हुए पार्टी सांसद संजय सिंह बोले, ‘सुप्रीम कोर्ट ने ED को कहा था कि ED के पास कोई सुबूत नहीं है, इसके बावजूद ED ने अमानतुल्लाह खान को गिरफ़्तार कर रही है। हमारे मुख्य अरविंद केजरीवाल जी को गिरफ़्तार किया गया, मनीष सिसोदिया जी, सत्येन्द्र जैन जी को गिरफ़्तार किया गया।

मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में विधायकों को गिरफ़्तार कर AAP सरकार गिराने की कोशिश हो रही है। अगर हमारे किसी भी विधायक के साथ ग़लत होगा तो पूरी पार्टी हमारे विधायक और उनके परिवार के साथ खड़ी रहेगी।’

इससे पहले खान के घर जाते वक्त संजय सिंह ने एक्स पर लिखा था, मोदी सरकार ऑपरेशन लोटस में पूरी तरह जुट गई है। मंत्रियों व विधायकों पर फर्जी मामले बनाकर उनको गिरफ़्तार किया जा रहा है।

अमानतुल्लाह खान के विरुद्ध बेबुनियाद मामला बनाकर ED द्वारा ने उनको गिरफ़्तार करने की तैयारी की जा रही है। तानाशाही का अंत जल्द होगा।

राय बोले- भाजपा ही ईडी है

उधर केजरीवाल सरकार के एक अन्य मंत्री गोपाल राय ने अमानतुल्लाह के घर से निकलकर कहा,’ BJP ही ED है। आज पूरा देश देख रहा है कि जब आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, तो चुने हुए प्रतिनिधियों को चुनाव प्रचार करने और चुने जाने से रोका जा रहा है। BJP की ज़ुबान पर तो 400 पार का नारा है लेकिन भाजपा जानती है कि वह हारने वाली है और इसलिए वह घबराई हुई है।’

अमानतुल्लाह पर लगे ये आरोप

बता दें कि ईडी ने वक्फ बोर्ड नियुक्ति घोटाला मामले में AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को गुरुवार को 9 घंटे तक चली पूछताछ के बाद रात को गिरफ्तार कर लिया।

ओखला विधानसभा क्षेत्र से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 32 लोगों की अवैध रूप से नियुक्ति की थी। खान पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से किराए पर देने का भी आरोप है।

इसके साथ ही अमानतुल्लाह खान के कई करीबियों के भी इसमें शामिल होने का आरोप है। इस दौरान उनके कुछ करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा गया था।